ICC महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 में रोमांच चरम पर है, और सबकी नज़रें एक बड़े मुकाबले पर टिकी हैं। रविवार, 12 अक्टूबर को, हरमनप्रीत कौर की टीम इंडिया का सामना एलिसा हीली के नेतृत्व वाली अजेय डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से होगा। यह सिर्फ़ एक और मैच नहीं है; यह विशाखापत्तनम के खचाखच भरे स्टेडियम में एक हाई-स्टेक मुकाबला है, जहाँ भारत की सेमीफ़ाइनल की उम्मीदें दांव पर लगी हैं।
मुख्य बातें
- ऑस्ट्रेलिया की कप्तान एलिसा हीली ने अपने महत्वपूर्ण मैच से पहले भारत को ‘स्लीपिंग जायंट’ और ‘बड़ा खतरा’ बताया है।
- भारत की टॉप-ऑर्डर बल्लेबाज़ी एक बड़ी चिंता का विषय है, जिसमें बाएं हाथ की स्पिन के खिलाफ स्पष्ट कमजोरी दिखाई दे रही है।
- हरमनप्रीत कौर की फॉर्म पर सबकी नज़रें हैं, उन्होंने टूर्नामेंट में अब तक सिर्फ़ 9, 19 और 21 रन बनाए हैं।
- ऑस्ट्रेलिया भारत की कमजोरी को निशाना बनाने के लिए विशेष रूप से बाएं हाथ की स्पिनर सोफी मोलिनक्स को वापस ला सकता है।
- दक्षिण अफ्रीका से हालिया हार के बाद यह मैच भारत के अभियान के लिए महत्वपूर्ण है, जबकि ऑस्ट्रेलिया अब तक अजेय है।
एक प्रतिद्वंद्विता जो उफान पर है
देखिए, इन दोनों टीमों के बीच तनाव बिल्कुल असली है। आप इसे महसूस कर सकते हैं। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलिसा हीली ने मैच से कुछ दिन पहले भारत को “बड़ा खतरा” कहने में कोई कोताही नहीं बरती। उन्होंने भारत को महिला क्रिकेट का “स्लीपिंग जायंट” तक कह दिया। यह सिर्फ़ मैच से पहले की बयानबाजी नहीं है; यह सम्मान के साथ-साथ एक स्पष्ट चेतावनी भी है।
और प्रशंसक यह जानते हैं। विशाखापत्तनम में होने वाले इस मुकाबले के टिकट पूरी तरह बिक चुके हैं, जो साबित करता है कि यह प्रतिद्वंद्विता खेल के सबसे प्रतीक्षित इवेंट्स में से एक बन गई है। 9 अक्टूबर को दक्षिण अफ्रीका से मिली करारी हार के बाद, भारत पर वापसी करने का भारी दबाव है। एक जीत उनके सपने को ज़िंदा रखेगी। एक हार विनाशकारी हो सकती है।
रणनीतिक शतरंज का खेल
तो, यह मैच कैसे जीता या हारा जाएगा? सब कुछ एक चीज़ पर आकर टिक सकता है: स्पिन। भारत के टॉप-ऑर्डर के बल्लेबाज़ों ने इस विश्व कप में बाएं हाथ के स्पिनरों के खिलाफ एक चिंताजनक कमजोरी दिखाई है। यह उनकी सबसे बड़ी कमी है, और आप शर्त लगा सकते हैं कि ऑस्ट्रेलिया ने इस पर ध्यान दिया है।
डिफेंडिंग चैंपियन इस समय अजेय हैं, उन्होंने दो ठोस जीत हासिल की हैं और एक मैच बारिश में धुल गया। उस लय को बनाए रखने के लिए, वे एक बड़ी रणनीतिक चाल चलने पर विचार कर रहे हैं। बाएं हाथ की ऑर्थोडॉक्स स्पिनर सोफी मोलिनक्स को प्लेइंग इलेवन में वापस लाना एक बहुत ही स्वाभाविक कदम लगता है। यह भारत की दुखती रग पर वार करने और उन्हें शुरुआत में ही बैकफुट पर धकेलने की सीधी रणनीति है।
सबकी निगाहें कप्तान कौर पर
और फिर सवाल हरमनप्रीत कौर की अपनी फॉर्म का है। हम सब जानते हैं कि वह क्या कर सकती हैं, खासकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ। लेकिन इस टूर्नामेंट में अब तक उनके स्कोर 9, 19 और 21, उनके स्तर के हिसाब से सामान्य रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया जैसी पावरहाउस टीम को चुनौती देने के लिए, भारत को अपने कप्तान के बल्ले से रन चाहिए।
यह मैच सिर्फ़ टीम की रणनीति से कहीं बढ़कर है; यह नेतृत्व और व्यक्तिगत प्रतिभा की परीक्षा है। क्या कौर अपनी धीमी शुरुआत को पीछे छोड़कर तब एक कप्तानी पारी खेल सकती हैं जब उनकी टीम को इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है? या ऑस्ट्रेलिया की सोची-समझी योजनाएं उन पर भारी पड़ेंगी?
एक नाटकीय मुकाबले के लिए मंच तैयार है। एक टीम अपना परफेक्ट रिकॉर्ड बचाने के लिए उतरेगी, जबकि दूसरी टीम टूर्नामेंट में बने रहने के लिए संघर्ष कर रही है। आपको क्या लगता है कौन जीतेगा?