क्या शानदार वापसी है! भारत के टॉप शटलर्स, सात्विकसाइराज रंकीरेड्डी/चिराग शेट्टी और लक्ष्य सेन, को बुधवार को 2025 BWF डेनमार्क ओपन में वास्तव में कड़ी मेहनत करनी पड़ी। उन्होंने ओडेंस में पहला गेम हारने के बाद शानदार वापसी करते हुए प्री-क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली।
Key Takeaways
- सात्विक/चिराग ने स्कॉटलैंड के ग्रिमली ब्रदर्स को 64 मिनट के रोमांचक मुकाबले में 17-21, 21-11, 21-17 से हराया।
- लक्ष्य सेन ने आयरलैंड के न्हाट गुयेन को एक घंटे 19 मिनट तक चले कड़े मुकाबले में 10-21, 21-8, 21-18 से मात दी।
- दोनों ने प्रतिष्ठित सुपर 750 टूर्नामेंट के राउंड ऑफ 16 में प्रवेश कर लिया है।
- आगे की राह कठिन है: सेन का सामना डेनमार्क के एंडर्स एंटोनसेन से होगा, जबकि सात्विक/चिराग चीनी ताइपे की जोड़ी से भिड़ेंगे।
ओडेंस में दो वापसी की कहानी
देखिए, भारतीय दल के लिए यह दिन आसान नहीं था। छठी वरीयता प्राप्त पुरुष डबल्स जोड़ी सात्विकसाइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी पहला गेम स्कॉटलैंड के क्रिस्टोफर और मैथ्यू ग्रिमली से 17-21 से हारने के बाद मुश्किल में पड़ गए थे। माहौल तनावपूर्ण लग रहा था। लेकिन ईमानदारी से, उन्होंने पूरी कहानी ही पलट दी।
उन्होंने दूसरे गेम में आक्रामक शुरुआत की, इसे 21-11 से जीता, और उसी लय को निर्णायक गेम में भी जारी रखते हुए 21-17 से जीत हासिल की। पूरा मैच एक घंटे चार मिनट तक चला, जो उनकी अविश्वसनीय सहनशक्ति और कभी हार न मानने वाले जज्बे को दिखाता है।
और फिर थे लक्ष्य सेन। दुनिया के 21वें नंबर के खिलाड़ी की शुरुआत तो और भी खराब रही, वह आयरलैंड के न्हाट गुयेन के खिलाफ अपना पहला गेम 10-21 के बड़े अंतर से हार गए। आपको लगा होगा कि खेल खत्म हो गया। लेकिन सेन ने शानदार तरीके से वापसी की, दूसरे गेम में 21-8 से दबदबा बनाया और आखिरी गेम में संयम बरतते हुए 21-18 से जीत दर्ज की। क्या प्रदर्शन था!
टीम इंडिया के लिए आगे क्या?
आगे की राह आसान नहीं होने वाली है। राउंड ऑफ 16 में, लक्ष्य सेन का मुकाबला डेनमार्क के ही एंडर्स एंटोनसेन से होगा, जो निश्चित रूप से एक जबरदस्त मैच होगा। सात्विक और चिराग चीनी ताइपे के ली झे-हुई और यांग पो-हसुआन से भिड़ेंगे। दोनों मैच गुरुवार, 16 अक्टूबर को होने हैं।
हालांकि, भारत के लिए सब कुछ अच्छा नहीं रहा। युवा खिलाड़ी आयुष शेट्टी और अनमोल खरब, साथ ही मिक्स्ड डबल्स जोड़ी मोहित जागलान/लक्षित जागलान और पृथ्वी कृष्णमूर्ति रॉय/साई प्रतीक के, शुरुआती दौर में ही बाहर हो गए। अब सारी उम्मीदें सेन और सात्विक-चिराग की मजबूत जोड़ी पर टिकी हैं।
Expert Analysis
यहाँ एक बात समझने वाली है। एक हाई-प्रेशर सुपर 750 इवेंट में पहला गेम हारने के बाद जीतना सिर्फ कौशल की बात नहीं है। यह पूरी तरह से मानसिक मजबूती की बात है। सेन और सात्विक-चिराग दोनों ने साबित कर दिया कि वे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में क्यों हैं। वे घबराए नहीं। उन्होंने अपनी रणनीति को फिर से बनाया, अपने खेल पर भरोसा किया और methodical तरीके से अपने विरोधियों को आखिरी दो गेमों में हरा दिया। यही चैंपियंस की पहचान है।
Social Media Storm
जैसा कि आप उम्मीद कर सकते हैं, भारतीय बैडमिंटन प्रशंसक इस एक्शन पर अपनी नज़रें गड़ाए हुए थे। सोशल मीडिया पर दिखाए गए अविश्वसनीय जुझारूपन की प्रशंसा की बाढ़ आ गई। #DenmarkOpen2025 और #IndianBadminton जैसे हैशटैग प्रशंसकों से भर गए, जो इन कमबैक किंग्स का जश्न मना रहे थे और उनके कठिन प्री-क्वार्टरफाइनल मैचों के लिए शुभकामनाएं भेज रहे थे।
भारत की दो सबसे बड़ी बैडमिंटन उम्मीदें अभी भी दौड़ में हैं, उत्साह तो बढ़ना ही है। क्या वे खिताब तक पहुंच पाएंगे? हमें कमेंट्स में बताएं कि आप क्या सोचते हैं!