गंभीर ने श्रीकांत को ‘शर्मनाक’ कहा; IND vs WI दूसरे टेस्ट जीत के बाद हर्षित राणा का बचाव किया

Gambhir Slams Srikkanth as 'Shameful'; Defends Harshit Rana After IND vs WI 2nd Test Win

माहौल गरमा गया है। भारत के हेड कोच गौतम गंभीर ने 14 अक्टूबर, 2025 को भारत द्वारा वेस्टइंडीज पर दूसरे टेस्ट में सात विकेट से जीत हासिल करने के ठीक बाद, पूर्व चयनकर्ता क्रिस श्रीकांत पर सार्वजनिक रूप से पलटवार किया है। यह पूरा बवाल 23 वर्षीय तेज गेंदबाज हर्षित राणा के चयन को लेकर है, और गंभीर ने इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी।

मुख्य बातें

  • सार्वजनिक विवाद: गौतम गंभीर और क्रिस श्रीकांत के बीच युवा तेज गेंदबाज हर्षित राणा की टीम में जगह को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई है।
  • श्रीकांत का आरोप: अपने यूट्यूब चैनल पर श्रीकांत ने राणा को गंभीर का “पसंदीदा” और “फिल्म क्रिकेटर फुल ऑन एंटिक्स” कहा।
  • गंभीर का खंडन: गंभीर ने इसे “शर्मनाक” बताया कि सिर्फ एक यूट्यूब चैनल चलाने के लिए एक युवा खिलाड़ी को निशाना बनाया जा रहा है।
  • संदर्भ: यह ड्रामा दिल्ली में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की आरामदायक 7 विकेट की टेस्ट जीत के बाद सामने आया।

ये आग शुरू कैसे हुई?

तो, हुआ ये। प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले, क्रिस श्रीकांत ने अपने यूट्यूब चैनल पर तीखी बातें कहीं। उन्होंने हर्षित राणा के चयन पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह गंभीर का सरासर पक्षपात है। श्रीकांत ने उन्हें “फिल्म क्रिकेटर फुल ऑन एंटिक्स” तक कह डाला, जिसका मतलब था कि राणा में दिखावा ज्यादा है और प्रदर्शन कम।

वो यहीं नहीं रुके। श्रीकांत ने राणा को एक “स्थायी” खिलाड़ी बताया, यह इशारा करते हुए कि उनके खेले गए दो टेस्ट में ‘औसत’ प्रदर्शन के बावजूद उनकी जगह पक्की थी। यह सब ऑस्ट्रेलिया के बड़े दौरे से ठीक पहले हुआ, जिससे दबाव और भी बढ़ गया।

गंभीर का विस्फोटक जवाब

देखिए, गंभीर को यह सब बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हुआ। मैच के बाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, उन्होंने जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि एक 23 वर्षीय खिलाड़ी पर सिर्फ “एक यूट्यूब चैनल चलाने के लिए” हमला करना पूरी तरह से शर्मनाक है। यह सीधा श्रीकांत पर निशाना था, और हर कोई यह जानता था।

लेकिन फिर उन्होंने एक ऐसी बात कही जिसने सबका ध्यान खींच लिया। “उसके पिता कोई पूर्व चेयरमैन, या पूर्व क्रिकेटर या एनआरआई नहीं हैं,” गंभीर ने राणा का पुरजोर बचाव करते हुए कहा। यह सिर्फ एक बचाव नहीं था; यह एक शक्तिशाली बयान था जो यह बताता था कि आलोचना अनुचित और शायद वर्गभेदी भी थी।

विशेषज्ञ विश्लेषण

गंभीर की टिप्पणी इस बहस को पूरी तरह से एक नया मोड़ देती है। राणा की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालकर, वह उसे एक बाहरी व्यक्ति के रूप में चित्रित कर रहे हैं जिसने केवल योग्यता के आधार पर अपनी जगह बनाई है। वह एक स्पष्ट संदेश भेज रहे हैं: खिलाड़ी को उसकी क्षमता और कड़ी मेहनत पर आंकें, न कि इस पर कि उसके पिता कौन हैं या कौन नहीं। यह एक क्लासिक गंभीर चाल है, जो अपने खिलाड़ी का अंत तक बचाव करते हैं और क्रिकेट कमेंट्री के पुराने दिग्गजों को चुनौती देते हैं।

सोशल मीडिया पर मचा तूफान

आप यकीन कर सकते हैं कि यह मामला ऑनलाइन वायरल हो गया है। प्रशंसक दो गुटों में बंट गए हैं। कुछ श्रीकांत का समर्थन कर रहे हैं, कह रहे हैं कि एक पूर्व चयनकर्ता को खिलाड़ियों की आलोचना करने का अधिकार है, खासकर जब ऑस्ट्रेलिया का दौरा करीब हो। दूसरे गंभीर के साथ हैं, और एक युवा प्रतिभा को अनुचित मीडिया दबाव से बचाने के लिए उनकी प्रशंसा कर रहे हैं।

हर्षित राणा के लिए इसका क्या मतलब है?

लेकिन ईमानदारी से, उस खिलाड़ी का क्या जो इस सब के बीच में फंसा हुआ है? हर्षित राणा ने 2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में पदार्पण किया और अब खुद को एक क्रिकेट विवाद के केंद्र में पाते हैं। उनके आंकड़ों को औसत बताया गया है, और अब उनके सिर पर दो दिग्गजों के बीच इस सार्वजनिक झगड़े का अतिरिक्त दबाव है।

क्या यह उन्हें और बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगा, या यह जांच-पड़ताल उन पर हावी हो जाएगी? जैसे ही भारत एक श्रृंखला जीत का जश्न मना रहा है, शब्दों का यह युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है। आप क्या सोचते हैं? क्या गंभीर का इतना सुरक्षात्मक होना सही है, या श्रीकांत की आलोचना जायज थी?