मामला बहुत तेजी से बिगड़ गया है। दक्षिण अफ्रीका से मिली चौंकाने वाली हार के कुछ ही दिनों बाद, भारतीय महिला टीम को 12 अक्टूबर, 2025 को विशाखापत्तनम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक और करारी हार का सामना करना पड़ा। अब, कप्तान हरमनप्रीत कौर को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, फैंस उन्हें पद से हटाने की मांग कर रहे हैं क्योंकि भारत की वर्ल्ड कप सेमीफाइनल की उम्मीदें अब धागे से लटकी हुई हैं।
Key Takeaways
- महिला वर्ल्ड कप 2025 में लगातार दो हार के बाद हरमनप्रीत कौर को कप्तानी से हटाने की मांग उठ रही है।
- भारत 9 अक्टूबर को दक्षिण अफ्रीका से और 12 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया से रिकॉर्ड हार का सामना कर चुका है।
- कौर की व्यक्तिगत फॉर्म एक बड़ी चिंता है, उन्होंने टूर्नामेंट के पांच मैचों में सिर्फ 71 रन बनाए हैं।
- सोशल मीडिया पर फैंस स्मृति मंधाना को नया कप्तान बनाने की मांग कर रहे हैं।
आखिर हुआ क्या?
देखिए, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच भावनाओं का एक रोलरकोस्टर था। भारत ने 330 रनों का विशाल स्कोर बनाया, जो वर्ल्ड कप में उनका अब तक का सबसे बड़ा टोटल है। एक समय पर, 43वें ओवर में टीम 294 रन पर पांच विकेट खोकर आराम से जीत की ओर बढ़ रही थी। ऐसा लगा कि जीत पक्की है। लेकिन फिर, एक विनाशकारी पतन हुआ। टीम ने अपने आखिरी छह विकेट सिर्फ 36 रनों पर खो दिए, एक ऐसी गलती जो उन्हें बहुत भारी पड़ी।
एलिसा हीली की 142 रनों की तूफानी पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने लक्ष्य का पीछा किया और एक नया रिकॉर्ड बना दिया। उन्होंने 331 रन बनाकर टूर्नामेंट के इतिहास का सबसे सफल रन चेज पूरा किया। यह सिर्फ एक हार नहीं थी; यह घरेलू मैदान पर एक रिकॉर्ड तोड़ने वाली हार थी।
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
और फैंस बिल्कुल भी चुप नहीं हैं। लगातार दो हार के बाद, सोशल मीडिया पर सीधे हरमनप्रीत कौर को निशाना बनाते हुए आलोचना की बाढ़ आ गई। उनके कप्तानी के फैसले, उनकी पांच-गेंदबाजों की रणनीति, और उनकी खुद की खराब बल्लेबाजी फॉर्म, सब पर सवाल उठाए जा रहे हैं। एक फैन ने सीधे-सीधे पूछा, “BCCI हरमनप्रीत कौर को कब बर्खास्त कर रहा है?” एक अन्य ने बस इतना कहा, “अब जाने का समय है।”
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यह सिर्फ एक मैच की बात नहीं थी। 9 अक्टूबर को दक्षिण अफ्रीका से मिली हार ने पहले ही बहस छेड़ दी थी। उस मैच में, टॉप ऑर्डर ढह गया था और कौर खुद सिर्फ 9 रन बनाकर आउट हो गई थीं। ताजा हार ने बदलाव की मांगों को और तेज कर दिया है। बात यह है कि कई समर्थक स्मृति मंधाना को एक स्वाभाविक विकल्प के रूप में देख रहे हैं, और टीम के संघर्ष के बावजूद उनकी निरंतरता की प्रशंसा कर रहे हैं।
Expert Analysis
यह किसी भी कप्तान के लिए एक मुश्किल स्थिति है। ऑस्ट्रेलिया मैच के बाद, कौर ने अपनी टीम की रणनीति का बचाव करने की कोशिश की। उन्होंने समस्याओं को स्वीकार करते हुए कहा, “हमने आखिरी छह ओवरों में रन… मिस किए” और बल्लेबाजी के पतन को हार का मुख्य कारण बताया। लेकिन ईमानदारी से कहें तो, इतने बड़े मंच पर ऐसी हार के बाद टीम संयोजन का बचाव करना कई लोगों को रास नहीं आ रहा है। दबाव बहुत ज्यादा है, और अब सेमीफाइनल क्वालिफिकेशन के लिए भारत को अपने सभी बचे हुए मैच जीतने होंगे, ऐसे में हर फैसले की और भी बारीकी से जांच की जाएगी।
टीम इंडिया का अगला कदम क्या?
तो, अब भारत यहां से कहां जाएगा? सेमीफाइनल तक का उनका रास्ता अब अविश्वसनीय रूप से कठिन हो गया है। उन्हें सिर्फ जीतना ही नहीं है, बल्कि एक वास्तविक मौका पाने के लिए बड़े अंतर से जीतना होगा। टीम का मनोबल निस्संदेह कम है, और कप्तान पर सार्वजनिक दबाव अपने चरम पर है।
क्या BCCI फैंस की सुनेगा और टूर्नामेंट के बीच में एक बड़ा बदलाव करेगा? या वे हरमनप्रीत कौर पर ही भरोसा करेंगे, इस उम्मीद में कि वह कोई चमत्कारी वापसी कर सकेंगी? अगले कुछ मैच सिर्फ जीतने के बारे में नहीं हैं; वे भारत के नेतृत्व के भविष्य के बारे में हैं। आपको क्या लगता है कि उन्हें क्या करना चाहिए?



