प्रो कबड्डी लीग सीज़न 12 का चेन्नई लेग अभी-अभी खत्म हुआ है, और क्या कमाल का एक्शन देखने को मिला है। दबंग दिल्ली केसी ने पॉइंट्स टेबल पर अपनी टॉप पोजीशन और भी मजबूत कर ली है, लेकिन ये सब बिना किसी बड़े ड्रामे के नहीं हुआ। हमने रिकॉर्ड टूटते देखे, नए हीरो उभरकर सामने आए, और इस सीज़न के सबसे रोमांचक मैचों में से एक भी देखा।
Key Takeaways
- दिल्ली का दबदबा जारी: एक करीबी हार के बावजूद, दबंग दिल्ली केसी अब भी सबसे तगड़ी टीम है, जिसने PKL 12 पॉइंट्स टेबल पर अपनी बढ़त और मजबूत कर ली है।
- देशवाल का तूफ़ान: तमिल थलाइवाज के अर्जुन देशवाल को कोई नहीं रोक पाया, उन्होंने चेन्नई में सिर्फ चार मैचों में 59 रेड पॉइंट्स बटोरे।
- सबसे बड़ी दीवार: नितेश कुमार इस सीज़न 50 टैकल पॉइंट्स का आंकड़ा पार करने वाले पहले डिफेंडर बन गए हैं, जो डिफेंडरों के लिए एक नया बेंचमार्क है।
- प्लेऑफ की जगह पक्की: PKL 12 के प्लेऑफ अब आधिकारिक तौर पर दिल्ली में होंगे, और ग्रैंड फिनाले 31 अक्टूबर को खेला जाएगा।
दिल्ली के विजय रथ पर लगी ब्रेक
देखिए, दबंग दिल्ली केसी एक असली पावरहाउस रही है। वे चेन्नई आए और बस जीतते चले गए, जिसमें 7 अक्टूबर को हरियाणा स्टीलर्स के खिलाफ एक टाई-ब्रेकर में रोमांचक जीत भी शामिल थी। उसी मैच में दिग्गज फ़ज़ल अत्राचली ने अपने 200वें PKL मैच में एक महत्वपूर्ण सुपर रेड किया। क्या शानदार मील का पत्थर है।
लेकिन फिर आया वो चौंकाने वाला पल। 9 अक्टूबर को, बंगाल वॉरियर्ज़ ने दिल्ली को इस लेग की पहली हार थमा दी, और 37-36 से जीत हासिल की। यह एक ऐसा थ्रिलर था जिसने सबको अपनी सीटों से बांधे रखा। कप्तान आशु मलिक के चोटिल होने के बावजूद दिल्ली ने जमकर संघर्ष किया, लेकिन देवांक दलाल का सुपर 10 और आशीष मलिक का हाई फाइव बंगाल के लिए मैच जिताऊ साबित हुआ।
उन रेडर्स ने महफ़िल लूट ली
अगर चेन्नई लेग किसी का था, तो वो रेडर्स का था। और अर्जुन देशवाल उसके राजा थे। तमिल थलाइवाज के लिए खेलते हुए, उन्होंने एक मास्टरक्लास प्रदर्शन किया और चार मैचों में शानदार 59 रेड पॉइंट्स बटोरे। हरियाणा स्टीलर्स और पटना पायरेट्स के खिलाफ उनका प्रदर्शन बस लाजवाब था।
लेकिन वो अकेले नहीं थे। आपको पुनेरी पलटन के आदित्य शिंदे के बारे में भी बात करनी होगी। इस युवा खिलाड़ी ने एक अलग ही लेवल का खेल दिखाया, तीन सुपर 10 के साथ 50 रेड पॉइंट्स हासिल किए। उनकी वजह से पुनेरी पलटन ने चेन्नई में अपने सभी चार मैच जीते। यह एक ऐसा नाम है जिसे आप जरूर याद रखना चाहेंगे।
Expert Analysis
आंकड़े झूठ नहीं बोलते। जबकि दिल्ली का दबदबा साफ़ है, लीग का प्रतिस्पर्धी संतुलन ही असली रोमांच है। देशवाल और शिंदे जैसे रेडर्स का उदय दिखाता है कि कोई भी टीम किसी भी दिन जीत सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली की अपने कप्तान के बिना भी जीतने की क्षमता उनकी अविश्वसनीय टीम की गहराई को दर्शाती है, जो उन्हें प्लेऑफ में और भी खतरनाक बनाती है।
Social Media Storm
हाँ, बंगाल-दिल्ली मैच के बाद इंटरनेट पर तो जैसे तूफ़ान ही आ गया। फैंस को 37-36 के स्कोर पर यकीन ही नहीं हो रहा था। #PKL12 और #VIVOProKabaddi जैसे हैशटैग आखिरी मिनट के टैकल और इस बात पर बहस से भर गए थे कि क्या दिल्ली का किला आखिरकार दरक रहा है। देशवाल की रेडिंग की धूम भी बहुत बड़ी थी, फैंस उन्हें चेन्नई लेग का MVP कह रहे थे।
अब आगे क्या? फिनाले की राह
तो, चेन्नई लेग खत्म होने के साथ, अब सभी की निगाहें दिल्ली पर हैं। प्लेऑफ वहीं शुरू होने वाले हैं, जिसकी शुरुआत 25 अक्टूबर को 5वें से 8वें स्थान की टीमों के लिए नए प्ले-इन मैचों से होगी। मुख्य प्लेऑफ 26-29 अक्टूबर तक चलेंगे।
और सब कुछ एक रात पर आकर टिक जाएगा: 31 अक्टूबर, ग्रैंड फिनाले। क्या दबंग दिल्ली केसी अपनी पकड़ बनाए रखकर ट्रॉफी उठाएगी, या पुनेरी पलटन जैसा कोई चैलेंजर या कोई छुपा रुस्तम बाजी मार ले जाएगा? एक बात तो पक्की है, आप इसे मिस नहीं करना चाहेंगे।